तहसील प्रशासन केवल अपनी सरकारी जमीन पर से भी अवैध कब्जा मुक्त करवा ले तो भी बरसाती पान के निकासी का रास्ता साफ हो जाए। एबकपुर मोहना निवासी घूरे, अजय शेखर पांडेय, शीतल, तेतरी देवी, प्रकाश, दुलारी, रामवृक्ष, रोशन और सतीश यादव ने जिलाधिकारी को सौंपे गए पत्रक में आरोप लगाया है कि अवैध रूप से गांव में प्लाटिंग कर कॉलोनी विकसित करने का खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है। बाढ़, बरसात के पानी के साथ ग्राम घुमपुर के अहिरा बाबा, मुसहर, सोनकर बस्ती के सीवर पानी निकासी सड़क पर बने एकमात्र सरकारी पुलिया के पूर्वी दिशा प्लाटिंग करने के लिए मिट्टी गिरवा कर पुलिया को बंद कर दिया गया है। लगभग पांच बीघे कृषि भूमि पर बिना सरकारी मानको को पूरा किए प्लाटिंग कर कालोनी बसाया जा रहा है। 18 अगस्त 2025 को चुनार में लगे समाधान दिवस पर जिलाधिकारी को शिकायती पत्र सौंप कर गुहार लगाई लेकिन डीएम के आदेश पर तहसील के अधिकारी मौके का चक्कर लगाने के बाद चुप हो गए।
बरसाती पानी का निकासी बंद होने से 700 बीघा जमीन जलमग्न
चुनार क्षेत्र के ग्राम ऐबकपुर मोहाना के बरसाती और सीवर के पानी के निकासी पुलिया को प्लाटरों के अवरूद्ध कर दिए जाने से लगभग 700 बीघा किसानों की खेती की जमीन, पंचायत भवन पानी में डूब गया है। मुख्यमंत्री पोर्टल से लेकर तहसील दिवस, जिलाधकारी के जनता दरबार में किसान प्रार्थना पत्र लेकर भटक रहे हैं लेकिन अभी जनपद के आला अधिकारी अवैध रूप से बंद किए गए पुलिया को खुलवाने में पूरी तरह से विफल हैं। खेतीबाड़ी नहीं हो पाने से कई किसान भूमरी के कगार पर जा पहुंचे हैं। किसानों का आरोप है कि प्लाटर ने सरकारी घोड़दौड़ और बंजर की जमीन भी अवैध रूप से कब्जा कर लिया है।
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