दो साल से अध्यापकविहीन है सरकारी स्कूल।

दो साल से अध्यापकविहीन है सरकारी स्कूल।
नसीराबाद, रायबरेली। सरकारी स्कूलों में बच्चों को पढ़ाने के लिए कोई कैसे तैयार हो जबकि उनका पुरसाहाल कोई नहीं है। लगभग 2 साल से स्कूल में कोई अध्यापक नहीं है और इस ओर किसी जिम्मेदार अधिकारी का ध्यान ही नहीं जा रहा है। यहां के खंड शिक्षा अधिकारी और जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी की आंखें क्यों बंद हैं?क्या उनके निरीक्षण में यह बात संज्ञान में कभी नहीं आई या उन्होंने कभी इसका निरीक्षण किया ही नहीं? क्या केवल मलाई चाटने के लिए ही इन अधिकारियों की तैनाती हुई है? विभाग और आम जनता के प्रति क्या इनकी कोई जवाब देही नहीं है? ऑफिस में कुर्सियां तोड़ने, मौज मस्ती करने के लिए ही क्या इनकी तैनाती हुई है? शायद किसी प्रश्न का कोई उत्तर नहीं है।
यह स्थिति सलोन तहसील के छतोह ब्लॉक की है जहां प्राथमिक विद्यालय गढ़ा में  01 जुलाई 2023 से कोई अध्यापक तैनात ही नहीं है। पूर्व में यहां तैनात दो शिक्षक गैर जनपद के लिए कार्यमुक्त कर दिए गए जबकि नियमानुसार किसी विद्यालय को शिक्षक विहीन अथवा एकल अध्यापकीय स्थिति में लाकर स्थानांतरित किसी शिक्षक को कार्य मुक्त नहीं किया जाना था। यह बात आसानी से समझी जा सकती है कि नियम विरुद्ध दोनों शिक्षकों को कार्य मुक्त किए जाने में तत्कालीन खंड शिक्षा अधिकारी ही नहीं, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी भी दोषी हैं। स्थानीय जनता की मांग है कि विभाग नियम विरुद्ध शिक्षकों को कार्य मुक्त करने के जिम्मेदार अधिकारियों के विरुद्ध कठोर दंडात्मक कार्यवाही करते हुए रिक्त विद्यालय में अध्यापकों की नियुक्ति सुनिश्चित करे।
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी से बात करने पर उन्होंने बताया कि प्रकरण संज्ञान में नहीं है,समस्या के निराकरण हेतु आवश्यक कार्यवाही की जाएगी।

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